भारत को बातचीत के नाम पर धोखा दे रहा चीन! लद्दाख के पास PLA ने किया मिसाइल मार गिराने का टेस्‍ट, ब्रह्मोस का डर?

बीजिंग: चीन की सेना ने लद्दाख में कराकोरम पठार के अंदर भारतीय एलएसी के पास एक मिसाइल को हवा में ही मार गिराने का टेस्‍ट किया है। चीनी विश्‍लेषकों का कहना है कि पीएलए ने भारतीय सेना को संदेश देने के लिए इस मिसाइल का टेस्‍ट किया है। चीन ने यह मिसा

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बीजिंग: चीन की सेना ने लद्दाख में कराकोरम पठार के अंदर भारतीय एलएसी के पास एक मिसाइल को हवा में ही मार गिराने का टेस्‍ट किया है। चीनी विश्‍लेषकों का कहना है कि पीएलए ने भारतीय सेना को संदेश देने के लिए इस मिसाइल का टेस्‍ट किया है। चीन ने यह मिसाइल टेस्‍ट ठीक उसी दिन किया जब दोनों ही पक्षों ने बीजिंग में सीमा विवाद को लेकर बातचीत की थी। रूस के कजान में ब्रिक्‍स सम्‍मेलन होने जा रहा है और उससे पहले भारत और चीन के बीच बातचीत का दौर काफी बढ़ गया है। दावा किया जा रहा है कि अगर भारत और चीन के बीच रिश्‍तों में नरमी आती है तो पीएम मोदी और शी जिनपिंग के बीच मुलाकात भी हो सकती है। हालांकि पीएलए के मिसाइल टेस्‍ट से तनाव बढ़ सकता है।

चीनी की समाचार एजेंसी शिन्‍हुआ ने 29 अगस्‍त को अपनी रिपोर्ट में इस टेस्‍ट की जानकारी दी है। उसने बताया कि पीएलए ने अपने लाइव फायर अभ्‍यास के तहत इस मिसाइल टेस्‍ट को अंजाम दिया। इस दौरान सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल का कराकोरम पठार में टेस्‍ट किया गया। इस मिसाइल टेस्‍ट को चीनी सेना के शिंजियांग मिलिट्री डिस्ट्रिक ने अंजाम दिया जो पश्चिमी क्षेत्र में सुरक्षा के लिए जिम्‍मेदार है। साऊथ चाइना मॉर्निंग पोस्‍ट की रिपोर्ट के मुताबिक इस टेस्‍ट में एक सबसोनिक क्रूज मिसाइल को पहली बार 5,300 मीटर की ऊंचाई पर मार गिराया गया।

चीन की बातचीत में दबाव बनाने की कोशिश


शिन्‍हुआ ने दावा किया कि चीनी सेना का यह सफल टेस्‍ट दिखाता है कि उसकी इंटरसेप्‍टर मिसाइल खराब परिस्थितियों में भी स्थिर और प्रभावी है। चीनी न्‍यूज एजेंसी ने यह नहीं बताया कि ठीक-ठीक कहां पर यह परीक्षण किया गया है। विश्‍लेषकों का कहना है कि चूंकि जिस जगह पर चीन ने यह परीक्षण किया है, वह भारतीय एलएसी के पास है, ऐसे में यह चीन के प्रतिरोधक रणनीति का हिस्‍सा है। चीन और भारत के बीच 3488 किमी के इलाके में फैले वास्‍तविक नियंत्रण रेखा को लेकर विवाद है। गलवान हिंसा के बाद दोनों देशों के हजारों सैनिक आमने-सामने तैनात हैं।


चीन के फूदान विश्‍वविद्यालय में डेप्‍युटी डायरेक्‍टर लिन मिनवांग ने कहा कि भारत के साथ तनाव के बीच पीएलए हथियारों और उपकरणों को चीन की तिब्‍बत के पठार में लगती सीमा पर साल 2020 से ही परीक्षण कर रही है। ताजा परीक्षण भी इसी अभ्‍यास का हिस्‍सा है। लिन ने कहा, 'इस टेस्‍ट के जरिए चीन ने एक निश्चित प्रतिरोधक संदेश भेजा है। युद्ध से बचने के लिए जरूरी है कि हमें सबसे पहले लड़ने की क्षमता हासिल करनी होगी।' उन्‍होंने यह भी कहा कि दोनों देशों के बीच तनावपूर्ण संबंधों में कुछ सुधार आता दिख रहा है।

चीन के निशाने पर भारत की ब्रह्मोस मिसाइल


लिन ने कहा, 'दोनों ही देश सीमा से जुड़े मुद्दे पर जल्‍द से जल्‍द एक समझौते के लिए अपने प्रयासों को तेज कर रहे हैं। लेकिन यह चीन के लिए असंभव है कि वह भारत की मांग मान ले। इस परिदृश्‍य में यह टेस्‍ट भारत को दिखाने की कोशिश है कि चीन के पास भारत की मिसाइल को मार गिराने की क्षमता है। ऐसे में अब गेंद भारत के पाले में है।' चीनी सरकारी मीडिया ने बताया कि यह मिसाइल परीक्षण ठीक उसी दिन किया गया जब चीन और भारत ने 31वें दौर की बातचीत बीजिंग में की। इस तरह से चीन ने दबाव बनाने की कोशिश की है।

इससे पहले भारतीय राष्‍ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और चीनी विदेश मंत्री के बीच रूस में बातचीत हुई थी। इस बातचीत में दोनों द्विपक्षीय रिश्‍तों को सुधारने पर सहमत हुए थे। चीनी सैन्‍य विश्‍लेषक सोंग झोंगपिंग ने कहा कि पीएलए का यह मिसाइल टेस्‍ट 'ताकत की गारंटी' के रूप में देखा जा सकता है ताकि बातचीत में चीनी वार्ताकारों को सपोर्ट किया जा सके। उन्‍होंने कहा, 'इस टेस्‍ट का लक्ष्‍य यह दिखाना था कि चीन सभी तरह की मिसाइलों फिर चाहे वह सबसोनिक हों या फिर हाइपरसोनिक, उन्‍हें मार गिरा सकता है।' बता दें कि भारत ने बड़ी तादाद में ब्रह्मोस क्रूज मिसाइल को चीन की सीमा पर तैनात किया है। चीन ने अब इस टेस्‍ट से दिखाने की कोशिश की है कि वह ब्रह्मोस को मार गिराने में सक्षम है। वहीं अन्‍य विलश्‍लेषकों का कहना है कि यह टेस्‍ट चीन की दबाव को बढ़ाने की कोशिश है।

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मनोज शर्मा

मनोज शर्मा (जन्म 1968) स्वर्णिम भारत के संस्थापक-प्रकाशक , प्रधान संपादक और मेन्टम सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।

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